एक शादी ऐसी भी. by Ravi Ranjan

एक शादी ऐसी भी. by Ravi Ranjan in Hindi Novels
घर की दहलीज ,सुबह की पहली किरणें बरामदे में बिछी सफेद चादर पर पड़ रही थीं, लेकिन घर के भीतर का माहौल सूरज की रोशनी से कही...