Description
"अपनी शक्ल तो देखो यारों,,," ये बोल रिहा ठहाका लगा कर हस पड़ी।और अपनी हसी कंट्रोल कर उन तीनों की तरफ देखा,,,तीनो खा जाने वाली नजरो से उसे घूर रहे थे।"हे ऐसे मत घूरो,,, मैं नही डरने वाली,,,ये बेकार की कोशिश छोड़ो और बताओ,,, कैसी लगी मेरी आवाज का जादू,,," वो बोल ही रही थी की कनंत, कृभिन,काशी एकाएक सदमे से जड़ हो गए।रिहा उनके शॉक चहरे देख नासमझी से "अरे क्या हुआ,,,? अभी तो मुझे ऐसे देख रहे हैं की दबोच कर खा ही जाओगे,,,मुझे डरा रहे थे,,, और अब मुझसे ही डर रहे,,,चलो बताओ,,,हमारी हिटलर लीडर की आवाज