खामोश ज़िंदगी के बोलते जज़्बात - 3 Babul haq ansari द्वारा Love Stories में हिंदी पीडीएफ

Khamosh jindagi ke bolate jajbat by Babul haq ansari in Hindi Novels
सड़कों पर रोज़ की तरह भीड़ दौड़ रही थी।

हर कोई कहीं पहुंचने की जल्दी में था।

लेकिन उन्हीं चेहरों के बीच एक चेहरा ऐसा भी था, जो न दौड़ रहा था, न...