तुम, मैं और एल्गोरिथ्म? - 2 बैरागी दिलीप दास द्वारा Love Stories में हिंदी पीडीएफ

You, me and the algorithm by बैरागी दिलीप दास in Hindi Novels
बारिश हो रही थी। हर बूँद जैसे आसमान की कोई अधूरी बात ज़मीन से कहने की कोशिश कर रही थी। खिड़की के कांच पर गिरती बूँदें संगीत बना रही थीं, लेकिन आरव के...