Description
जानवी आंटी को जवाब देते हुए,,,,,, नहीं आंटी ऐसी कोई बात नहीं है ,,,और रही बात अंश को जूस पिलानेकी,,,,,तो यह बहुत लंबी कहानी है,,,,,किसी दिन फुर्सत में बैठ कर बताऊंगी,,,और फिर वह वहां से ,,,,जल्दी से ऑफिस जाने के लिए निकल जाती है, ,,,*********और ऐसे ही दो दिन बीत गए थे,,,, जानवी ना अंश से मिली थी ,,,,और ना ही ,,,, तो अंश से कोई बात की थी,,,,और वहीं दूसरी तरफ़ अंश ,,,दो दिनों से यही सोच रहा था ,,,,की वाह ऐसा क्या करें की,,,,उसे भी मेरी तकलीफ़ का अंदाज़ा हो,,,एक आइडिया आता है और फिर,,,वह जल्दी से ,,,अपना