यह कविता "तुम्हारी याद आती है" में प्रेमिका अपने प्रियतम की याद में व्याकुलता व्यक्त कर रही है। सावन की बारिश उसे प्रियतम की याद दिलाती है और वह उन्हें खोजने की कोशिश करती है। उसने दिल से लिखे पत्रों का जिक्र किया है, जिसमें प्रियतम के प्रति उसकी गहरी भावनाएँ छिपी हुई हैं। वह अपने प्रेम को वैभव और सौंदर्य मानती है और बिना प्रियतम के अधूरी महसूस करती है। दूसरे भाग "जितना भूलूँ तू उतनी निखरती गई" में कवि यह बताता है कि वह प्रियतम को भूलने की कोशिश करता है, लेकिन उनकी यादें और खुशबू उसे हमेशा घेरे रहती हैं। वह प्यार के क्षणों को याद करता है और उन सभी भावनाओं को पुनर्जीवित करता है। वह अपने दिल की सिसकियों को भी व्यक्त करता है और अपने प्रेम को न भूले जाने की इच्छा रखता है। अंतिम भाग "उस दिन हमारे गाँव में" में कवि एक विशेष दिन का वर्णन करता है जब दो युवा दिल एक-दूसरे के करीब आए। पेड़ों की छांव में उनके प्रेम की गवाही देने वाले दृश्य की सुंदरता का चित्रण है। वह उस दिन को याद करता है जब प्रेम की गर्माहट ने उसे घेर लिया था और वह अपने प्रियतम की वापसी की कामना करता है। कुल मिलाकर, ये कविताएँ प्रेम, यादों, और भावनाओं की गहराई को दर्शाती हैं, जिसमें प्रेमिका अपने प्रियतम की अनुपस्थिति में अनुभव की गई भावनाओं को व्यक्त करती है। यादों के झरोखों से by Rakesh Kumar Pandey Sagar in Hindi Poems 2 1.7k Downloads 10.5k Views Writen by Rakesh Kumar Pandey Sagar Category Poems Read Full Story Download on Mobile Description "तुम्हारी याद आती है" बरसता है जो ये सावन, तुम्हारी याद आती है, कहाँ तुम हो छुपे प्रियतम, हमें पल पल सताती है। लिखे जो खत तुम्हें मैंने, वो दिल की ही कलम से थे, मेरे अधरों की लाली पर लिखा, तुम ही बलम तो थे, तुम मेरी आँखों के काजल, ये आँखें डबडबाती हैं, कहाँ तुम हो छुपे प्रियतम, हमें पल पल सताती है। कहाँ ढूँढू, कहाँ पाऊँ, तुम्हीं संसार हो मेरे, अधूरी हूँ सजन तुम बिन, तुम्हीं श्रृंगार हो मेरे, तेरी यादों की थाती को ये पलकें भी सजाती हैं, कहाँ तुम हो छुपे प्रियतम, हमें More Likes This सफ़र-ए-दिल by Kridha Raguvanshi Shyari form Guri Baba - 4 by Guri baba मन की गूंज - भाग 1 by Rajani Technical Lead मी आणि माझे अहसास - 98 by Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं by Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ by बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा by उषा जरवाल More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories