यह कहानी इस बात पर जोर देती है कि हम अक्सर अपनी भावनात्मक शक्ति को दूसरों को सौंप देते हैं, बिना सोचें-समझें। जब कोई व्यक्ति हमें निराश करता है, या हमें अस्वीकार करता है, तो हम अपनी खुशी और संतोष की शक्ति उन्हें दे देते हैं। हम अपने गुस्से को उनके ऊपर केंद्रित कर देते हैं, या किसी संबंध के खत्म होने के बाद, खुद को प्रेम देने की क्षमता से वंचित कर लेते हैं। कई बार, हम दूसरों की स्वीकृति की तलाश में रहते हैं, जबकि यह शक्ति हमारे भीतर ही होती है। हमारे माता-पिता या किसी और पर हमारी भावनात्मक स्थिति का नियंत्रण होता है, जबकि असल में हमें अपनी जीवन की दिशा तय करने की शक्ति अपने पास रखनी चाहिए। इस कहानी में बताया गया है कि प्रेम, गुस्सा, खुशी और स्वीकृति का स्रोत हमारे अंदर है। हमें समझना चाहिए कि हम किसी भी समय खुद को प्यार और खुशी महसूस कर सकते हैं। दूसरों के कार्यों से प्रभावित होने के बजाय, हमें अपनी भावनाओं का नियंत्रण अपने हाथ में रखना चाहिए। अंत में, यह विचार प्रस्तुत किया गया है कि हम सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, और दूसरों के दर्द और खुशी को समझना हमारे लिए एक सकारात्मक अनुभव हो सकता है। इस तरह, हम अपनी आंतरिक शक्ति को पहचान सकते हैं और उसका उपयोग कर सकते हैं। शक्ति का एक छिपा हुआ स्रोत। by Rakesh Sharma in Hindi Magazine 4 3.5k Downloads 12.7k Views Writen by Rakesh Sharma Category Magazine Read Full Story Download on Mobile Description लगभग हम में से हर एक हमारी शक्ति को दूर करता है, बिना सोचे समझे। उदाहरण के लिए: कोई व्यक्ति ऐसा कुछ असंगत या उल्लंघन करता है जो आपको निराश या नाराज करता हो। आप इसके बारे में घंटों तक गुस्सा होते है। आपने इस व्यक्ति को अपने दिन को बर्बाद करने के लिए, आपको निराश और क्रोधित करने की शक्ति दी है, अक्सर उन्हें इसका एहसास भी हुए बगैर। आप अकेले हैं, अब उस साथी के साथ नहीं हैं जो आपका साथ छोड़ गया। आपने किसी और से प्यार करने की अपनी शक्ति को छोड़ दिया है, उसके लिए जो Novels सेल्फ हेल्प हिंदी आर्टिकल्स एक माइंडफुलनेस तकनीक है जिसे मैं अब कई वर्षों से अभ्यास कर रहा हूं, और जब मैं यह कर सकता हूं, तो यह जादू की तरह है। अभ्यास अहंकार को गिरा रहा है – मेर... More Likes This नव कलेंडर वर्ष-2025 - भाग 1 by nand lal mani tripathi कुछ तो मिलेगा? by Ashish आओ कुछ पाए हम by Ashish जरूरी था - 2 by Komal Mehta गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 1 by Neelam Kulshreshtha अंतर्मन (दैनंदिनी पत्रिका) - 1 by संदीप सिंह (ईशू) गलतफहमी - भाग 1 by Sonali Rawat More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories