दो शक्श की अधूरी इश्क़ की दास्ताँ,जान कर नहीं अंजान ही सही,इश्क़ के सफ़र में गुल मिले सही,काटो में ...
दुख दर्द और जख्मी जिस्म ,तड़प रही रूह दुनिया के सामने,जूझ रहा कायनात का हर वक़्त,नन्ही कली को कैद ...