डॉ. शैलजा श्रीवास्तव Books | Novel | Stories download free pdf

साथिया - 140 (अंतिम भाग)

by Dr. Shelja
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जैसे-जैसे प्रेगनेंसी का समय बढ़ रहा था साँझ की तकलीफें भी बढ़ती जा रही थी। पर अब वह अंदर ...

साथिया - 139

by Dr. Shelja
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एक महीने बाद*अक्षत कोर्ट जाने के लिए तैयार हो रहा था और साँझ अलमारी से निकाल निकाल कर उसका ...

साथिया - 138

by Dr. Shelja
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दस दिन के खूबसूरत ट्रिप के बाद अक्षत सांझ ईशान और शालू वापस घर आ गए। घर वालों ने ...

साथिया - 137

by Dr. Shelja
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सभी गुनहगार अपने गुनाहों की सजा पा चुके थे तो वही सांझ भी धीरे-धीरे करके नॉर्मल हो रही थी। ...

साथिया - 136

by Dr. Shelja
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जज ने गहरी सांस ली और सामने देखाहमारे आसपास महिलाओं पर अत्याचार होने की घटनाएं कोई नई नही है। ...

साथिया - 135

by Dr. Shelja
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" भगवान सांझ की आत्मा को शांति दे।" जज साहब बोले।" जज साहब भगवान की कृपा से सांझ जिंदा ...

साथिया - 134

by Dr. Shelja
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"अब कैसी तबीयत है सांझ की?" साधना ने कहा।"ठीक है मम्मी..!!" अक्षत ने जबाब दिया।"कल मैं और तुम्हारे पापा ...

साथिया - 133

by Dr. Shelja
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अक्षत तुरंत सांझ को लेकर वहां से निकल गया और वहां से वह लोग सीधे डॉक्टर के पास गए।डॉक्टर ...

साथिया - 132

by Dr. Shelja
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'जिस भाई को बचपन से राखी बांधती आई। जिसने आपको हमेशा स्नेह दिया सम्मान दिया। उसी के खिलाफ जा ...

साथिया - 131

by Dr. Shelja
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दोनों पक्ष अपनी पूरी तैयारी के साथ कोर्ट में हाजिर थे। आज फिर से अक्षत के साथ सांझ आई ...