जहाँ से खुद को पाया

(3)
  • 75
  • 0
  • 921

गाँव की सुबह हमेशा की तरह शांत थी। हल्की धूप खेतों पर फैल रही थी, हवा में मिट्टी की सोंधी खुशबू घुली हुई थी। वह उसी गाँव में पला-बढ़ा था, सयुग जहाँ हर कोई एक-दूसरे को नाम से जानता था। ‎जहाँ शाम होते ही चौपाल भर जाती थी और रात को घरों से चूल्हे की आँच झलकती थी। सयुग के लिए यह गाँव ही उसकी पूरी दुनिया था। ‎ ‎उसके पिता सीधे-सादे किसान थे। कम बोलते थे, ज़्यादा सोचते थे। माँ हर वक़्त उसके लिए चिंतित रहती थी, लेकिन चेहरे पर सख़्ती कभी नहीं आने देती थी।

1

जहाँ से खुद को पाया - 1

Part .1‎‎गाँव की सुबह हमेशा की तरह शांत थी। हल्की धूप खेतों पर फैल रही थी, हवा में मिट्टी सोंधी खुशबू घुली हुई थी। वह उसी गाँव में पला-बढ़ा था, सयुग जहाँ हर कोई एक-दूसरे को नाम से जानता था।‎जहाँ शाम होते ही चौपाल भर जाती थी और रात को घरों से चूल्हे की आँच झलकती थी। सयुग के लिए यह गाँव ही उसकी पूरी दुनिया था।‎‎उसके पिता सीधे-सादे किसान थे। कम बोलते थे, ज़्यादा सोचते थे। माँ हर वक़्त उसके लिए चिंतित रहती थी, लेकिन चेहरे पर सख़्ती कभी नहीं आने देती थी।‎घर में बहुत पैसा नहीं था, ...Read More

2

जहाँ से खुद को पाया - 2

PART–2‎‎‎‎दिल्ली की सुबह गाँव की सुबह जैसी नहीं होती। यहाँ सूरज निकलने से पहले ही शोर शुरू हो जाता हॉर्न, भीड़, भागते कदम और बेचैन चेहरे।‎रेलवे स्टेशन के एक कोने में बैठा सयुग आँखें मलते हुए उठा। रात भर नींद और जागने के बीच झूलता रहा था।‎‎ ज़मीन सख़्त थी, शरीर दुख रहा था, लेकिन उससे ज़्यादा दर्द मन में था।‎‎उसने आसपास देखा। कोई अख़बार बिछाकर सो रहा था, कोई अपना बैग सीने से लगाए बैठा था, कोई बिना किसी चिंता के चाय पी रहा था।‎ सब अपनी-अपनी लड़ाइयों में उलझे थे। यहाँ किसी को किसी से फ़र्क नहीं ...Read More

3

जहाँ से खुद को पाया - 3

‎part - 3‎‎दिल्ली की रातें अब सयुग को डराती नहीं थीं। ‎पहले जिन सड़कों पर चलते हुए उसे अपने पर शक होता था, अब वही सड़कें उसे पहचानने लगी थीं। ‎कैफे के बाहर लगी छोटी-सी लाइट, अंदर आती कॉफी की खुशबू और लोगों की हलचल—यह सब अब उसकी ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका था। ‎लेकिन मन के भीतर एक कोना ऐसा था, जहाँ हर रात बेचैनी जाग जाती थी। ‎उस कोने में आयशा रहती थी, उसकी आँखों की नमी और उसके पिता की सख़्त नज़रें।‎‎उस दिन के बाद से आयशा के पिता कैफे में दोबारा नहीं आए। ‎आयशा भी ...Read More