जेन-जी कलाकार

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मैं टीवी से चिपका हुआ था, किसी सिंगिंग शो में पूरी तरह खोया हुआ, खुद को हर हाई नोट पर शानदार तरीके से हिट करते हुए और भीड़ को दीवानगी में देखते हुए कल्पना कर रहा था। आवाज़ें, लाइट्स, ड्रामा—ये सब मेरा अपना छोटा सा दुनिया जैसा लग रहा था। फिर, जैसे ही समय का इशारा हुआ, माँ की आवाज़ संगीत को काटती हुई आई। "अर्जुन... …"

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जेन-जी कलाकार - 1

फ्लैशबैक मैं टीवी से चिपका हुआ था, किसी सिंगिंग शो में पूरी तरह खोया हुआ, खुद को हर हाई पर शानदार तरीके से हिट करते हुए और भीड़ को दीवानगी में देखते हुए कल्पना कर रहा था।आवाज़ें, लाइट्स, ड्रामा—ये सब मेरा अपना छोटा सा दुनिया जैसा लग रहा था। फिर, जैसे ही समय का इशारा हुआ, माँ की आवाज़ संगीत को काटती हुई आई।"अर्जुन... …"मैं चौंक गया, अपनी ही उत्तेजना में लगभग घुट रहा था।"आया माँ!" मैंने हिम्मत दिखाने की कोशिश में चिल्लाया, लेकिन सच में सिर्फ घबराया हुआ था।"जा और 10 रुपये की दही ले आ, और जल्दी ...Read More

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जेन-जी कलाकार - 2

अर्जुन का दृष्टिकोणएक जोरदार थप्पड़ मेरे गाल पर पड़ा।मेरे पिता।"क्यों?" मैंने फुसफुसाया, अपना गाल पकड़ते हुए।देवराज: "बदतमीज़! क्या तुम्हें लगता है जब लोग तुम्हारे बारे में ऐसा बोलते हैं? हमारी नाक कटवा के रख दी तुमने!"वो अचानक ठिठक गए, मेरे हाथ में कुछ देखकर।"रुको... क्या पकड़ रखा है? और बाहर क्यों गए थे?"मैंने धीरे से उसे उठाया।"ये मेरा अवॉर्ड है। मैं सिंगिंग प्रतियोगिता जीता हूँ।"उनका चेहरा गुस्से से विकृत हो गया।उन्होंने उसे झटके से छीनकर ज़मीन पर फेंक दिया।तेज़ आवाज़ के साथ वो टुकड़ों में बिखर गया।शोर सुनकर माँ रसोई से बाहर भागीं।समीक्षा स्नेहा: "क्या हुआ? बाप-बेटे फिर से ...Read More

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जेन-जी कलाकार - 3

लेखक का दृष्टिकोणअर्जुन की अलार्म घड़ी की तेज़ घंटी ने पूरे अपार्टमेंट में गूंज पैदा कर दी।वह कराहते हुए आंखें मलने लगा, रात की अधूरी थकान अब भी उसके शरीर पर बोझ बनी हुई थी।ऊपर पंखा आलस भरे अंदाज़ में घूम रहा था, जबकि अर्जुन खुद को घसीटते हुए बिस्तर से बाहर निकला।आज का दिन बाकी दिनों से कहीं ज़्यादा भारी लग रहा था।शायद मेज़ पर रखा अधूरा गाना इसकी वजह था — जो उसे ऐसे चिढ़ा रहा था, जैसे कोई अधूरी कसम।जैसे ही उसने अपने फ़ोन की ओर हाथ बढ़ाया, स्क्रीन जगमगा उठी — इनकमिंग कॉल: माँ।उसके होंठों ...Read More