साल 2003… कलकत्ता के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हलचल थी। अनिका की शादी तय हो चुकी थी। वह मात्र 23 वर्ष की थी—चमकती आंखें, साधारण-सी सुंदरता, पर दिल से बहुत कोमल। उसका विवाह एक प्रतिष्ठित क्लास-1 अधिकारी, साहिल से तय हुआ। घरवालों को गर्व था कि उनकी बेटी की किस्मत खुल गई। शादी के दिन, अनिका बहुत सुंदर लग रही थी। लाल साड़ी में लिपटी, उसके चेहरे पर घबराहट और खुशी की मिली-जुली झलक थी। लेकिन किसे पता था कि ये सजी-धजी विदाई की घड़ी, एक लंबे संघर्ष की शुरुआत होगी। शादी के कुछ महीनों तक सब ठीक चला। साहिल का स्वभाव थोड़ा रूखा था, लेकिन वो नौकरी के कारण अधिकतर समय बाहर रहता था। अनिका को उसके परिवार के साथ रहना पड़ा—एक नई बहू, नए घर में, नई जिम्मेदारियों के साथ।
मैं अनिका हूँ - और अब पूरी हूँ - 1
1: एक नई शुरुआत – अनिका की शादीसाल 2003…कलकत्ता के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हलचल थी। अनिका की शादी हो चुकी थी। वह मात्र 23 वर्ष की थी—चमकती आंखें, साधारण-सी सुंदरता, पर दिल से बहुत कोमल। उसका विवाह एक प्रतिष्ठित क्लास-1 अधिकारी, साहिल से तय हुआ। घरवालों को गर्व था कि उनकी बेटी की किस्मत खुल गई।शादी के दिन, अनिका बहुत सुंदर लग रही थी। लाल साड़ी में लिपटी, उसके चेहरे पर घबराहट और खुशी की मिली-जुली झलक थी। लेकिन किसे पता था कि ये सजी-धजी विदाई की घड़ी, एक लंबे संघर्ष की शुरुआत होगी।शादी के कुछ महीनों तक ...Read More
मैं अनिका हूँ - और अब पूरी हूँ - 2
शशांक और अनिका के बीच बातचीत गहराने लगी। एक दिन शशांक ने अनिका से उसकी तस्वीर मांगी। अनिका ने दी, और बदले में शशांक ने भी अपनी तस्वीर भेजी। वो देखकर बोला—"तुम मेरी किस्मत हो।"कुछ ही दिनों में, उसने कहा, "मैं तुमसे प्यार करता हूँ।"अनिका चौंकी। वो जानती थी कि यह रिश्ता झूठ पर टिका है। लेकिन उसके जीवन में कोई उसे इस तरह समझने वाला नहीं था। साहिल की शराब की लत, उपेक्षा, और अकेलापन उसे तोड़ चुके थे।दोस्तों से सलाह ली तो किसी ने कहा, "अगर किसी से बात करने से तुम्हें खुशी मिलती है, तो उसे ...Read More