अमेज़न के घने जंगलो को चिरती हुई एक लड़की अपनी विशेष एजेंटो की टीम के साथ आगे बढ़ी जा रही थी। आज वह एक बहुत बढे मिशन को अंजाम देने जा रही थी। वो आगे बढ़ ही रही थी, तभी उसे अपने पास कुछ लोगो के होने का अहसास हुआ। उसने अपनी टीम को तुरंत अलर्ट किया और उन्हें चारो और फैल जाने के लिए कहा। उसकी टीम के लोग चारों और फैल गए, और वो आगे बढ़ गयी। उसने काफी ढूँढ़ा पर उसे आगे किसी के होने के निशान नही मिले, वो कुछ समझपाती उससे पहले उसका सिर घूमने लगा और उसे चक्कर से महसूस हुए। वो समझ गयी उसके साथ छल किया गया है, और अब कुछ गलत होने वाला है। उसने अपनी टीम को imform करना चहा, लेकिन वो किसी से संपर्क नही कर पा रही थी।
अल - अमानह : सल्तनत की किस्मत - 1
अध्याय 1: खोई हुई तलवार का पहला संकेतएक आजमगढ़ नामक शहर, जहाँ एक रहस्य उजागर होने वाला है।आधी रात समय हो चुका था। चाँद बादलों में गायब हो चुका था। चारों ओर घना अंधेरा था। इस घने अंधेरे के बीच, एक घर की सबसे पुरानी अलमारी, जो पुरानी किताबों और कागज़ों से भरी हुई थी, खड़ी थी।एक बूढ़ा उस अलमारी में कुछ खोज रहा था। पुराने कागज़ों के बीच उसके हाथ एक बहुत पुरानी किताब लगी, जिसमें वह राज़ था, जिसे सदियों से दुनिया भूल चुकी थी।वो बूढ़ा ये राज़ जानकर काँपते हुए बोला, "अल-अमानह... आखिरी वारिस का ...Read More
अल - अमानह : सल्तनत की किस्मत - 2
दूसरा अध्याय : अली की बेचैनी और एक अनसुलझी पहेलीअली के साथ हुई उस घटना से अब अली परेशान लगा। अब वह अपने आपको एक रहस्य में छुपा हुआ पाता था।उसकी आँखों की नींद उड़ चुकी थी। अली के मन और कान में दिन-रात शेख हमजा के आखिरी शब्द गूंजते थे—"अल-अमानह... आखिरी वारिस... वो तलवार..."अली हर समय सोचता था,"क्या वो बूढ़ा शेख हमजा सच बोल रहा था? क्या मैं आखिरी वारिस हूँ? ये अल-अमानह... वो तलवार... इसका रहस्य क्या है? और वे लोग कौन थे जिन्होंने मुझ पर हमला किया? आखिर वह मुझसे क्या चाहते थे? मुझे इस रहस्य ...Read More