कहानी फ्रेंडशिप की

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किसी अन्य समय दूसरी पलटन के डगआउट में इतनी भीड़ और शोर नहीं था जितना उस रात था। ऐसे असामान्य अवसर पर बैटरी के सभी लोग एक साथ आए थे, साइमन होन्चारेंको को एक पत्र मिला था। और किससे, जरा सोचो! अब उन्हें अपनी पत्नी और बेटे को खोए हुए आधे साल से ज्यादा हो गया है। बैटरी में हर कोई यह जानता था। जिस प्लांट में वह युद्ध से पहले काम करता था, उसके दोस्तों ने उसे पिछले साल की शरद ऋतु में उनकी मृत्यु की सूचना दी थी। उन्होंने उन परिस्थितियों का भी जिक्र किया जिनके तहत ऐसा हुआ था. एक रात जर्मन हमलावरों ने रेलवे स्टेशन पर हमला कर दिया। जिस ट्रेन में उनका परिवार अकेले सवार था, उसमें लगभग बीस लोगों की मौत हो गई, जिसमें उनकी पत्नी और बेटा भी शामिल थे। वहां स्टेशन पर उन्होंने मृतकों को एक आम कब्र में दफना दिया, जो कि यात्रियों की हो सकती थी। मलबे से बरामद किया गया, क्योंकि आग की लपटों में बहुत से लोग भस्म हो गए थे और उनका पेट्रास कभी नहीं मिला होगा और आज उन्हें अप्रत्याशित रूप से अपने लड़के से एक पत्र मिला।

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कहानी फ्रेंडशिप की - 1

दोस्तीकिसी अन्य समय दूसरी पलटन के डगआउट में इतनी भीड़ और शोर नहीं था जितना उस रात था। ऐसे अवसर पर बैटरी के सभी लोग एक साथ आए थे, साइमन होन्चारेंको को एक पत्र मिला था। और किससे, जरा सोचो! अब उन्हें अपनी पत्नी और बेटे को खोए हुए आधे साल से ज्यादा हो गया है। बैटरी में हर कोई यह जानता था। जिस प्लांट में वह युद्ध से पहले काम करता था, उसके दोस्तों ने उसे पिछले साल की शरद ऋतु में उनकी मृत्यु की सूचना दी थी। उन्होंने उन परिस्थितियों का भी जिक्र किया जिनके तहत ऐसा ...Read More

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कहानी फ्रेंडशिप की - 2

किसी भी इन्सान के जीवन में एक दोस्त की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं ! दोस्त वह जो इन्सान किसी भी रिश्ते पर भारी पड़ सकता है! माता-पिता का रिश्ता हो या भाई-बहन का रिश्ता। कई बार यह देखा गया है कि एक सच्चे बोस्त को इन सब रिश्तों से कहीं ज्यादा मान सम्मान दिया गया है। इसलिए इस रिश्ते को सबसे बड़ा माना जाता है! यह जरूरी नहीं कि दोस्त कोई आपके बाहर का हो! वह आपके परिवार का कोई सदस्य भी हो सकता है! एक माँ अपने वच्चे कि सबसे अच्छी दोस्त होती है जो उसका हमेशा ...Read More

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कहानी फ्रेंडशिप की - 3

Friendship Story in Hindi : ‘‘साहब मैं आपका सामान उठा लूं क्या?’’ साहिल अभी बस से उतरा ही था किसी की आवाज सुनकर चौंक गया। पीछे मुड़ कर देखा तो एक उसकी ही उम्र का लड़का फटे पुराने कपड़े पहने उसके सामान की तरफ देख रहा था।साहिल ने उसे टालते हुए कहा – ‘‘नहीं मैं सामान खुद उठा लूंगा।’’यह सुनकर वह लड़का थोड़ा सा निराश हो गया और बोला – ‘‘साहब कुछ भी दे दीजियेगा। बहुत मजबूर हूं कुछ खाने का इंतजाम हो जायेगा।’’साहिल झुंझला कर उसकी ओर देख रहा था। उस लड़के की आंखों में उसे आंसू नजर ...Read More