अनदेखा प्यार

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पता है एक जिंदगी है. एक जान है. और एक ही तो जरूरत है. मगर उसमे भी लोगो को दिक्कत है. मेने जो सोचा था वो हुआ नहीं. उसका मुझे कोई ऐतराज नहीं है. एक शिकायत है. ए मेरे रब. जो हालत मेरी की ऐसी हालत किसी और की मत करना. हेल्लो दोस्तों तो एक बार और हम आ चुके है एक नई कहानी लेकर. जिसमे लड़के का नाम है. फैजल और लड़की का नाम है नाज. तो चलो फिर जानते है. वो क्या करते है कैसे मिलते है वगेरा वगेरा. एक्सक्यूज मि हेल्लो सर इधर किधर जा रहे हो. वहा तो कुछ भी नही है रास्ता बंद है. अरे में यहा कहा जा रहा था. सॉरी भाई टेंशन कुछ ध्यान ही नही रहा की में कहा जा रहा हु. शुक्रिया भाई जान आपने बताया वरना अभी में तो जाता इसी खाई में. खैर भाई तुम बताओ कहा जा रहे हो. चलो गाड़ी में आओ जहा जाना हो वहा छोड़ दूंगा. अरे नही भाई में तो बस यही पास में ही रहता हु. आप फिक्र न करे में चला जाऊंगा ठीक है.

Full Novel

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अनदेखा प्यार - इंट्रो

पता है एक जिंदगी है. एक जान है. और एक ही तो जरूरत है. मगर उसमे भी लोगो को है. मेने जो सोचा था वो हुआ नहीं. उसका मुझे कोई ऐतराज नहीं है. एक शिकायत है. ए मेरे रब. जो हालत मेरी की ऐसी हालत किसी और की मत करना.हेल्लो दोस्तों तो एक बार और हम आ चुके है एक नई कहानी लेकर. जिसमे लड़के का नाम है. फैजल और लड़की का नाम है नाज. तो चलो फिर जानते है. वो क्या करते है कैसे मिलते है वगेरा वगेरा.एक्सक्यूज मि हेल्लो सर इधर किधर जा रहे हो. वहा तो ...Read More

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अनदेखा प्यार - 2

एपिसोड 2 – वो पहली शाम---शुरुआत...शाम ढल रही थी। सूरज की आखिरी किरणें जैसे शहर की सड़कों को सोने चादर ओढ़ा रही थीं। फ़ैजल खिड़की के पास बैठा, चाय की चुस्कियाँ लेते हुए अपनी उसी सुबह की मुलाकात के बारे में सोच रहा था – मुनावर से हुई वो मुलाकात और वो बातचीत, जो अचानक से शुरू हुई थी लेकिन जैसे बहुत पुरानी जान-पहचान हो।चाय के घूँट के साथ उसकी नज़र एक बार फिर उसी बैग पर गई जो उसने मुनावर के स्टेशन पर उतरते समय देखा था। उस बैग पर ‘नाज़’ लिखा था — नीले रंग के फूलों ...Read More

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अनदेखा प्यार - 3

एपिसोड 3 – "टकराव और ठहराव" अनदेखा प्यार---प्रारंभिक दृश्य – यादों की हलचलबारिश अब थम चुकी थी, लेकिन फैजल दिल में जो हलचल उठी थी, वो रुकने का नाम नहीं ले रही थी।नाज़ से हुई वो पहली हल्की-सी मुलाक़ात, किताबों के बहाने, चाय की खुशबू में घुलती बातें — सब कुछ जैसे किसी फिल्म का सीन था, मगर ये फिल्म रियल थी… और हीरो खुद को नहीं समझ पा रहा था।उसने अपनी डायरी में कुछ लिखा:> "ना मैं तुझे जानता हूँ, ना ही तेरा नाम ठीक से याद है...फिर भी हर बारिश की बूँद में बस तू ही ...Read More