लाल ग्रह - जीवन की खोज

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और उसके भी आगे बढ़ते कदम ठहर गए।कुछ देर तक वे दोनों दूर खड़े होकर एक दूसरे को देखते रहे।फिर दूर से ही एक दूसरे को इशारे करने लगे।काफी देर बाद जब उन्हें विश्वास हो गया कि वे एक दूसरे को कोई नुकसान नही पहुंचाएंगे तब वे आगे बढ़े।दो अलग अलग अलग दुनिया ग्रह के लोग पास तो आ गए।एक दूसरे अभिवादन करने के बाद उन्होंंने बात शुरू की लेकिन दोनो एक दूसरे की भाषा नही समझ सके।तब उन्होंने इशारों और सांकेतिक भाषा का सहारा लिया।"मैं मानव पृथ्वी से,"मानव इशारों में अपने बारे में बताते हुए

Full Novel

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लाल ग्रह - जीवन की खोज (अंतिम भाग)

और उसके भी आगे बढ़ते कदम ठहर गए।कुछ देर तक वे दोनों दूर खड़े होकर एक दूसरे को रहे।फिर दूर से ही एक दूसरे को इशारे करने लगे।काफी देर बाद जब उन्हें विश्वास हो गया कि वे एक दूसरे को कोई नुकसान नही पहुंचाएंगे तब वे आगे बढ़े।दो अलग अलग अलग दुनिया ग्रह के लोग पास तो आ गए।एक दूसरे अभिवादन करने के बाद उन्होंंने बात शुरू की लेकिन दोनो एक दूसरे की भाषा नही समझ सके।तब उन्होंने इशारों और सांकेतिक भाषा का सहारा लिया।"मैं मानव पृथ्वी से,"मानव इशारों में अपने बारे में बताते हुए ...Read More

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लाल ग्रह - जीवन की खोज - (पार्ट 1)

"यूरेका"मंगल मिशन से लौटे यान के सकुशल धरती पर उतरते ही इस मिशन से जुड़े सभी लोग खुशी उछल पड़े।खुश होते क्यो नही?कई सालों की मेहनत के बाद वे अपने मिशन में कामयाब हुए थे।यूं तो धरती के कई देश वर्षो से मंगल मिशन में जुटे थे।पर पहले सफलता इन्हें मिलज थी।सब एक दूसरे कक बधाई देने लगे।खुशी उनके चेहरे और आंखों से साफ साफ झलक रही थी।लेकिन"मानव कहां है?"यान का दरवाजा खुलते ही यान को खाली देखकर सब चोंके थे।सब की जुबान पर एक ही प्रश्न था।मानव कहाँ गया?क्या हुआ उसके साथ?जब यान लौट आया तो मानव कहां ...Read More