आओ चलें परिवर्तन की ओर....

(13)
  • 68.1k
  • 10
  • 27.3k

आज से करीब बीस-इक्कीस साल पहले कॉलेजिस में लड़कियां बहुत कम हुआ करती थीं और इसी कारण वह हमेशा आकर्षण का केंद्र रहती थीं | उस ज़माने में कॉलेजिस में रैगिंग एक आम बात थी और कॉलेज प्रशासन की तरफ से भी कोई ख़ास रोकटोक नहीं होती थी | मेरे जैसे लड़कों की रैगिंग तो लगभग रोज़ ही होती थी और ज्यादा बुरा तब लगता था जब लड़कियां भी इसमें शामिल हो जाती थीं| कॉलेज पहुँचने के बाद समझ में आया कि मैं हमेशा से चाहे स्कूल हो या कॉलेज, सबसे पीछे(back bencher) बैठने वाला ही क्यों रहा? क्योंकि मैं

Full Novel

1

आओ चलें परिवर्तन की ओर.... भाग - १

आज से करीब बीस-इक्कीस साल पहले कॉलेजिस में लड़कियां बहुत कम हुआ करती थीं और इसी कारण वह हमेशा का केंद्र रहती थीं | उस ज़माने में कॉलेजिस में रैगिंग एक आम बात थी और कॉलेज प्रशासन की तरफ से भी कोई ख़ास रोकटोक नहीं होती थी | मेरे जैसे लड़कों की रैगिंग तो लगभग रोज़ ही होती थी और ज्यादा बुरा तब लगता था जब लड़कियां भी इसमें शामिल हो जाती थीं| कॉलेज पहुँचने के बाद समझ में आया कि मैं हमेशा से चाहे स्कूल हो या कॉलेज, सबसे पीछे(back bencher) बैठने वाला ही क्यों रहा? क्योंकि मैं ...Read More

2

आओ चलें परिवर्तन कि ओर... - 2

लगभग तीन महीने बाद जब मेरी परीक्षा का परिणाम आया तो पिता जी ने बोला कि बेटा दिल्ली चले और आगे की पढ़ाई करो | मैंने उन्हें यह कह कर टाल दिया कि अभी मैं आगे नही पढ़ना चाहता हूँ | नौकरी या कहीं प्रशिक्षण प्राप्त करने की कोशिश करूँगा | यदि मुझे कहीं प्रशिक्षण या नौकरी नहीं मिली तो फिर आगे पढ़ने की सोचूंगा | इस पर पिता जी ने ‘हाँ’ की मुहर लगा दी | असल में मैं, दिल्ली आना ही नहीं चाहता था | मुझे डर था कि यदि इस समय मैं दिल्ली जाता हूँ तो ...Read More

3

आओ चलें परिवर्तन कि ओर... - 3

“अम्मा, देखो इसने दूध गिरा दिया है |” “घर में घुसते ही इन लोगों के क्लेश सुन-सुनकर तो मैं हो गयी हूँ | सोफ़िया तुम कहाँ हो |” सोफ़िया, सोनिया की आवाज़ सुन कर रसोई से निकलते हुए बोली “मैडम, मैं यहाँ रसोई में दूध गर्म कर रही हूँ |” “तुम यहाँ दूध गर्म कर रही हो तो फिर माही क्यों चिल्ला रही है कि दूध गिर गया है?” सोफ़िया, सोनिया के पास आकर धीरे से बोलती है “मैडम, आप जा कर देखिए कमरे में क्या हो रहा है ?” सोनिया कमरे का पर्दा धीरे से हटा कर अंदर ...Read More

4

आओ चलें परिवर्तन कि ओर... - 4

कॉलेज के प्रधानाचार्य सभा को सम्बोधित करते हुए कहते हैं “मेरे सहयोगियों एवं मेरे प्रिय छात्रों, आज हम एक फिर धर्म और अध्यात्म(spirituality) जैसे गूढ़ विषय को समझने व उस पर चर्चा करने लिये एकत्रित हुए हैं | आज हमारे बीच श्री अक्षित जी आए हैं जो एक बहुत बड़ी कम्पनी में जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं | यह धर्म और अध्यात्म को इस आधुनिक युग के अनुरूप ढाल कर एक नए ढंग से पेश करते आ रहे हैं | मुझे उम्मीद है कि आपको यह बोरिंग विषय आज बहुत रोचक लगेगा | तालियों से अक्षित जी ...Read More

5

आओ चलें परिवर्तन की ओर.. - 5

“दोस्तो, मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि आज हम यहाँ पिकनिक मनाने के लिए आए हैं | यह हमारे मैनेजर साहब की वजह से ही हो पाया है | मैंने तो बस एक पहल की थी और बाकी सब अपने आप होता ही चला गया | जैसा कि मुझे कहा गया है कि मैं आपको बता दूँ कि हम यहाँ से शाम छह बजे के करीब निकलेगें | आप अपने-अपने ग्रुप में घूम-फिर व मस्ती कर सकते हैं | मैनजमेंट की तरफ से कोई प्रतिबन्ध नहीं है | बस आप से यह प्रार्थना कि आप इस इलाके से ...Read More

6

आओ चलें परिवर्तन की ओर... - 10

‘हाँ जी’, आवाज़ सुन कर मैं पीछे मुड़ कर देखता हूँ तो वह मेरे पीछे ही आ रही थी मैं उसे देख कर मुस्कुराते हुए बोला “आप मेरे पीछे आ रही हैं या मैं आपके आगे चल रहा हूँ |” वह मुस्कुराते हुए बोली “असल में, मैं अपनी गाड़ी खड़ी कर रही थी तो मैंने देखा आप आज फिर बाज़ार जा रहे हैं | मुझ से रहा नहीं गया और यह सोच के आपके पीछे आ गई कि कहीं आप फिर न गिर जाएँ |” मैंने हँसते हुए कहा “आपने मुझे इतना गिरा हुआ समझ लिया है |” “अब ...Read More

7

आओ चलें परिवर्तन की ओर... - 7

मीतू नहा कर गुसलखाने से बाहर निकलती है कि दरवाज़े पर लगी घंटी ज़ोर-ज़ोर से बजने लगती है | की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता है | वह समझ जाती है कि ज़रूर बच्चे ही होंगे और यह काम सिर्फ़ आनिया ही कर सकती है | वह भाग कर जाती है और जल्दी से दरवाज़ा खोलती है | सामने एक अनजान लड़के को देख गुस्से से बोलती है “क्या आफत आ गई है? क्यों इतनी ज़ोर से घंटी बजा रहे थे?” वह लड़का कुछ सकपकाते हुए बोला “आंटी, मुझे शर्मा जी के घर जाना है | उन्होंने फ़ोन कर ...Read More

8

आओ चलें परिवर्तन की ओर... - 8

आज नई कम्पनी में ज्वाइन करने के लिए जब मैं ऑफिस में पहुँचा तो रिसेप्शन पर बैठी सुंदर लड़की उठ कर मेरा स्वागत किया और बोली “सर, GM सर आज थोड़ी देर से आएंगे | वह मुझे बोल कर गए थे कि आप जैसे ही आएं तो मैं आपको आपका केबिन दिखा दूँ , साथ ही आपकी टीम से आपको मिलवा दूँ |” मेरे ‘हाँ’ में सिर हिलाने पर वह मेरी टीम के लोगो से परिचय करवा कर मुझे मेरे केबिन में बिठा जाती है | अपने सहकर्मियों से बात करते-करते और वहाँ के काम और कार्यशैली को समझते ...Read More

9

आओ चलें परिवर्तन की ओर.. - 6

सोमेश, अक्षित और सोनिया को देख कर मुस्कुराते हुए बोला “आप लोग पन्द्रह मिनट लेट आए हैं |” गाड़ी बाहर निकल कर दरवाज़ा बंद करते हुए सोनिया बोली “भाई साहिब आपको तो पता ही है, यह ऑफिस से निकलते-निकलते कितनी देर कर देते हैं | यह तो बस आज रास्ते में ट्रेफ़िक कम था तो हम जल्दी पहुँच गये वरना और भी लेट हो जाते |” अक्षित रिमोट से गाड़ी बंद करते हुए कहता है “भाई इतना भी समय का ध्यान न रखा करो और सुनाओ, भाभी कैसी हैं |” “ठीक है लेकिन आजकल कुछ उदास रहती है | ...Read More

10

आओ चलें परिवर्तन की ओर... - 9

मैं ज़िन्दगी में पहली बार अपने घर से दूर नये शहर और नयी जगह पर आया था | मन एक अज़ीब सा डर लगा रहता था | अपने आप को हर समय यही समझाता था जो भी होता है वह सब ईश्वर की मर्जी से ही होता है | यह भी विचार आता था कि हो सकता है सोमेश के साथ रह कर मैंने जो भी सीखा अब उसे व्यावहारिक रूप देने का समय आ गया हो| नए ऑफिस में आने पर मैं शुरू-शुरू में तो काफी व्यस्त रहा | जैसे-जैसे रोज़मर्रा की दिनचर्या ठीक होने लगी वैसे-वैसे मेरा ...Read More

11

आओ चलें परिवर्तन की ओर... - 11

“जी सर, आपने बुलाया?” रिसेप्शनिस्ट ने अक्षित के कमरे का दरवाज़ा खोल कर पूछा | अक्षित कैंडिडेट्स के बायो-डाटा हुए बोला “हाँ, कोई और उम्मीदवार तो नहीं है ?” “नहीं सर, लेकिन एक औरत आई है और वह कह रही है कि उसकी एक दोस्त है जोकि इस सहायक प्रबन्धक(Assistant Manager) की नियुक्ति के लिए बिल्कुल उपयुक्त है |” “क्या उसने पहले आवेदन किया था |” “नहीं, सर |” “फिर कोई फायदा नहीं |” “मैंने बोला था, सर |” “तुमने कहा नहीं कि हमारे यहाँ ऐसा नहीं होता |” “जी सर, मैंने उन्हें बहुत समझाया | लेकिन वह मान ...Read More

12

आओ चलें परिवर्तन की ओर.. - 12

कॉलेज के प्रधानाचार्य सभा को सम्बोधित करते हुए कहते हैं “मेरे सहयोगियों एवं प्रिय छात्रों, आज हमारे बीच श्री जी फिर से आये हैं | अक्षित जी का परिचय देने की आप कोई आवश्यकता ही नहीं है | यह पहले वक्ता हैं जो आप सब में इतने प्रसिद्ध हो गए हैं कि अबकी बार आपके आमन्त्रण पर इन्हें बुलाया गया है |” कह कर वह अक्षित की ओर इशारा करते हुए फिर से बोलते हैं “तालियों से अक्षित जी का स्वागत करें |” अक्षित तालियों की गूंज में अपनी जगह से उठकर प्रधानाचार्य जी के पास पहुँच उन्हें नमस्कार ...Read More

13

आओ चलें परिवर्तन की ओर... - 13

अक्षित अपने कमरे से बाहर निकल कर बैठक में आकर बैठ जाता है और पास रखी मेज़ पर से उठा कर पढ़ने लगता है | अचानक उसका ध्यान गुसलखाने से आती हुई सोनिया पर पड़ता है | वह सोनिया को देख कर हैरानी से पूछता है “क्या बात है डॉ० साहिबा आज सुबह-सुबह तैयार कैसे हो गयी हैं, आज तो सन्डे है |” “जी मुझे भी मालूम है | सुबह तो आपके लिए है मेरे लिए नहीं | आपकी जानकारी के लिए बताना चाहती हूँ, इस समय सुबह के 11 बज रहे हैं |” “अस्पताल जाना है क्या ?” ...Read More

14

आओ चलें परिवर्तन की ओर... - 14

अक्षित को आते देख कर सब बच्चे एक साथ “गुड आफ्टरनून” कह कर खड़े हो जाते हैं | अक्षित को बैठने का इशारा कर उनके साथ ही बैठ जाता है | “कहिए, बच्चों आप लोगों का क्या हालचाल है |” सब एक साथ कहते हैं “ठीक है सर, बस आपको पास से देखना और मिलना चाहते थे |” अक्षित हँसते हुए कहता है “क्यों भाई मैं कोई एलियन हूँ जिसे आप लोग पास से देखना और मिलना चाहते थे |” यह बात सुन कर सब हँसने लगते हैं और फिर उनमें से एक लड़का बोलता है “सर, मेरा नाम ...Read More