नोट:-- यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक तथा हमारे द्वारा स्वरचित है। कलयुग अपनी चरम सीमा पर तैनात था...मानो अब तो ...
( यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है।)बात कुछ ज्यादा पुरानी तो नहीं है, बस यहीं कुछ सन् 1940 के आस ...
उन सर्द रातों में अगर कोई घर की छत पर जाए तो ... उस अंधेरे आसमान में हजारों पक्षियों ...
नोट: कहानी केवल कल्पना मात्र है! शुरुआत से ही मुझे सोशल मिडिया से अच्छा खासा लगाव रहा है... लेकिन ...
?? पढ़ेगा भारत तभी तो बढ़ेगा भारत ?? "रे चंदन!!" सुबह सुबह अपने रोजमर्रा के काम पर जाते हुए ...
"तो तुम भी यही मानती हो कि ये सब हमारी वजह से हुआ है ??" "हां बिल्कुल क्यूं नहीं ...