कहते है, कि काली शक्तियाँ जिस्म को ख़ाक कर देती है, लेकिन रूह को छू भी नहीं पाती। ऐसी ...
ये लगातर तीसरी रात थी, जब शहर में झमाझम बारिश बेसुध होकर बरसती ही जा रही थी। यातायात के ...