ओस की बूँदें

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ओस की बूँदें 1कृ हे! वीणापाणि षारदे माँ प्रज्ञा प्रदायनी । वीणावादिनी, ज्ञान दायनी ।। वीणापाणि वर दे ! ज्ञान से भर दे !! षुभ्रवसना षुभ्र है रसना ष्वेत कमल है षुभ्रासना जीवन शुभ्र कर दे!! धी, विवेक तू जागृत करती ज्ञान की देवी माँ सरस्वती बुद्धि हमें प्रखर दे!! काव्य, कला, सृजन की दात्री कर अलौकिक जीवन रात्रि ज्ञान के स्वर दे!! डॉ. सीमा ठाकुर 2... मुस्कुराते चलो े जीवन की राह में मुस्कुराते गाते चलो। आए लाख रुकावटें तुम कदम बढ़ाते चलो।। संकटों की बाढ़ हो या सामने पहाड़ हो जब कदम उठा लिया तो धाक जमाते चलो।।