मुसाफ़िर बैठा की कविताएँ उर्फ़ न पढ़ोगे तो खोओगे

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कविताएँ जो आपको अपनी लग सकती हैं! हर दिल को छू सकने में सक्षम रचनाएं, बिना लाग-लपेट की सुख, दुख, प्रेम, विषाद एवं आक्रोश की अभिव्यक्ति। एक बार इन कविताओं को पढ़कर देखें। जीवन के विविध रंग, जो मेरे, आपके, सबके दैनिक कार्यकलाप को छूने वाले हो सकते हैं। ढूंढिए क्या कुछ यहाँ आपके जीवन-व्यापारों से मिलता है, आपकी सोच से मिलता अथवा टकराता चलता है!!!