भारत के एक शांत से कस्बे देवपुर में ज़िंदगी हमेशा की तरह चल रही थी। सुबह मंदिर की घंटियाँ, दोपहर को स्कूल की छुट्टी की आवाज़ और शाम को मैदान में खेलते बच्चों की हँसी—यही देवपुर की पहचान थी। लेकिन उसी कस्बे के बाहर, सूखे जंगल के पीछे, एक पुरानी और रहस्यमयी इमारत थी, जिसे लोग अनुसंधान केंद्र–17 कहते थे। वहाँ क्या होता है, यह कोई नहीं जानता था। बस इतना पता था कि रात के समय वहाँ अजीब रोशनियाँ दिखाई देती थीं।देवपुर में चार दोस्त रहते थे—आरव, मोहन, पंकज और नीला। चारों आठवीं कक्षा में पढ़ते थे और स्कूल