जब महाकाल चक्र सक्रिय हुआ, तो भारत की आधी आबादी धूल में बदल गई। न कोई विस्फोट, न कोई युद्ध—बस एक पल में अस्तित्व मिट गया। इसके पीछे था अंध्राज, जो समय और विनाश की शक्ति को नियंत्रित करना चाहता था। बचे हुए नायकों ने उस दिन हार मान ली थी।पाँच साल बीत चुके थे।मुंबई की एक सुनसान फैक्ट्री में अर्जुन मल्होत्रा रहता था—देश का सबसे तेज़ दिमाग। कभी वह “लौह कवच” पहनकर भारत का रक्षक था, आज शराब और पछतावे में डूबा हुआ। दिल्ली के एक आश्रम में भीम राव, आधा मनुष्य आधा महाशक्ति, ध्यान में बैठा था—गुस्से से