उजाले की राह

उत्तराखंड के छोटे से शहर कोटद्वार में अमन का बचपन एक साधारण लेकिन स्नेहभरे माहौल में बीता। उसके माता-पिता मेहनती और ईमानदार लोग थे, जो सीमित साधनों के बावजूद अपने बेटे के सपनों को बड़ा देखना चाहते थे। अमन की दुनिया छोटी थी, लेकिन सुरक्षित थी—जब तक एक दुर्घटना ने सब कुछ छीन नहीं लिया।  बहुत कम उम्र में अमन ने अपने माता-पिता को खो दिया। उस दिन के बाद उसका बचपन अचानक खत्म हो गया। कुछ समय तक वह रिश्तेदारों के साथ रहा, लेकिन धीरे-धीरे उसे एहसास होने लगा कि वह सबके लिए एक ज़िम्मेदारी बन गया है। अंततः