(शादी — खामोशी का सबसे सुंदर इज़हार)सुबह की हल्की धूपघर की खिड़कियों से छनकर अंदर आ रही थी।आज घर में शोर था—ढोल, शहनाई, हँसी, रस्में…पर इस शोर के बीचएक खामोशी सबसे गहरी थी—आदित्य और अन्या का इश्क।अन्या — दुल्हनलाल जोड़े में अन्याकिसी सपने की तरह लग रही थी।माँ ने काजल लगायाऔर धीमे से कहा—“सच्चा प्यारहमेशा इम्तिहान माँगता है।”अन्या की आँखें भर आईं।उसे आदित्य की खामोश मुस्कान याद आई—जो हर डर में ढाल बन गई थी।आदित्य — दूल्हा सफेद शेरवानी मेंआदित्य का चेहरा अलग ही चमक रहा था।हाथ में वही सफेद गुलाब था—जो कभी लोकल ट्रेन से शुरू हुआ था।उसने अपनी