त्रिपूरारी को दैखकर आदित्य बहोत खुश हो जाता वो दौड़कर अपने मामा के पास जाता है और गले लगते हूए कहता है --आदित्य :- अरे मेरे प्यारे कंश मामा त्रिपुरारी :- बस यही मेरी सारी खुशी बेकार हो जाता है । त्रिपुरारी खाने की खुशबू सुघंतै हूए कहता है --त्रिपुरारी :- अहा ... लगता है बहोत स्वादिष्ट खाना बनाई है बहू ने ।इतना बोलकर त्रिपुरारी कुर्सी पर बैठ जाता है और कहता है --त्रिपुरारी :- अरे वाह । पनीर टिक्का और स्पाइसी बिरयानी भई क्या बात है दैखकर ही मुह से पानी आने लगा ।आदित्य: - अरे कंश मामा , पहले हाथ