जंगल अब पहले जैसा नहीं रहा था। जहाँ कभी राख और सन्नाटा था, वहाँ फिर से हरियाली लौट आई थी। नई बेलें पुराने पेड़ों से लिपट गई थीं, पक्षियों की आवाज़ें सुबह को जगाने लगी थीं और नदी का पानी फिर से साफ़ बहने लगा था। लेकिन इस शांति के नीचे एक नई बेचैनी छुपी हुई थी।द ग्रेट गोरिल्ला यह सब महसूस कर सकता था।वह जंगल की सबसे ऊँची चट्टान पर बैठा दूर तक देख रहा था। हवा में कुछ बदला-बदला सा था। जानवर अक्सर बिना कारण भागते, पक्षी अचानक उड़ जाते। यह डर पुराने दिनों जैसा नहीं था, यह