मॉर्निंग टाइमनेहा- रेशमा!! क्या कर रही है? उठ ना यार? कितनी देर तक सोती रहेगी ?तुम्हारा हर रोज का यही नाटक है ,मैं तुम्हें उठाते उठाते थक जाती हूं। तुम खुद लेट होती और मुझे भी तुम्हारे साथ में लेट कर देती हो।रेशमा उठ भी जा यार,(नेहा रेशमा को काफी उठाने की कोशिश करती है, उसकी चादर को भी खींचती है पर रेशमा बार-बार चादर को हटाती है और खुद से लपेट लेती है,)नेहा! सोने देना, मैं कितना अच्छा सपना देख रही हूं तुम्हें पता है मेरे सपने में अभी" bts" का परफॉर्मेंस चल रहा है।नेहा- क्या? चल रहा