इश्क के साये में - एपिसोड 5

एपिसोड 5: जब साया करीब आयाउस रात के बाद आरव का घर पहले जैसा नहीं रहा।पेंटिंग में पड़ी दरार अब भी साफ़ दिखती थी—छोटी-सी, लेकिन डरावनी।जैसे किसी ने अंदर से बाहर झाँकने की कोशिश की हो।आरव ने कई बार उसे छूकर देखा।लकड़ी ठंडी थी…लेकिन अब उसमें डर नहीं, चेतावनी थी।“क्या वह फिर आएगा?”आरव ने धीमी आवाज़ में पूछा।अनाया उसके पास खड़ी थी—आज पहले से ज़्यादा धुंधली।“हाँ,” उसने सच कहा।“और अगली बार वह सिर्फ़ डराने नहीं आएगा।”आरव की भौंहें सिकुड़ गईं।“तो हमें जल्दी करनी होगी।”“नहीं,” अनाया ने उसे रोका।“जल्दी नहीं… सही तरीके से।”अनाया खिड़की के पास गई।चाँद की रोशनी उसके