एक साल बाद.गांव नरकटिया अब शांत था। पीपल का पेड सूख गया था, और उसकी जडें जमीन में गहराई तक सिमट गई थीं। रुखसाना अब गांव की स्कूल में पढाने लगी थी, और जावेद शहर में नौकरी कर रहा था।लेकिन शांति हमेशा के लिए नहीं होती.नया गांव. नया डरगांव नरकटिया के पास ही एक दूसरा गांव था — बेलडिहा। वहां एक पुरानी हवेली थी, जिसे लोग“ भूली हवेली” कहते थे। बीस सालों से बंद पडी उस हवेली में अब एक परिवार आया — प्रोफेसर अमरनाथ अपनी पत्नी और बेटी संजना के साथ।संजना, बीस साल की तेज- तर्रार लडकी, शहर की