में और मेरे अहसास - 140

पल भर का ये सफ़र  हमसफ़र के साथ पल भर का ये सफ़र रहा l और सफ़र का वक्त जैसे पानी की तरह बहा ll   दिल का भी अज़ीब खेल होता है देखो तो l जाना कहां था ओ पहुँचे गये जान थी वहा ll   जान से भी ज्यादा प्यार करते है इस लिए l एक छोटी सी बात पर कितना कुछ सहा ll   सफ़र का लुफ़्त उठाने के वास्ते रास्ते में l जहां से जो भी मिला वो सब कुछ है गहा ll   दिल चैन और सुकून पायेगा जब के सखी l वहीं जाएंगे हमसफर