तेरे मेरे दरमियान - 43

अशोक कहता है ----->" ये पैरो मे चोट और कल तुम कहां गयी थी , दामाद जी से पूछा तो उन्होने कहा के तुम अपने दोस्तो के साथ बाहर गयी हो । पर मैं जानता हूँ के तुम्हारे ऐसे कोई दोस्त है ही नही और ना ही तुम बाहर जाना पंसद करती हो , सिवाई विकास के ।जानवी कहती है ---->" कल मन थोड़ी खराब था इसिलिए मैं बाहर चली गई थी ।अशोक नाराज होकर कहता है --->" ऐसे कौन बाहर जाता है , इतना फोन किया पर तुमने एक बार भी जवाब नही दिया , तुम्हें पता है कल