मैं बिखरा नहीं......बस बदल गया - 4

‎ PART — 4 : ‎‎उस रात सूरज जब घर पहुँचा…‎उसकी चाल शांत थी, पर दिल में एक नई आग जल चुकी थी।‎‎वो अब टूट चुका प्रेमी नहीं था—‎वो खुद को वापस बनाने वाला इंसान था।‎‎कमरे में जाते ही उसने आईने में खुद को देखा।‎आँखों में दर्द कम… और इरादा ज़्यादा था।‎‎“अब time है… खुद को साबित करने का।”‎‎ बदलाव की शुरुआत‎अगले ही दिन सूरज ने अपनी ज़िंदगी के लिए 3 फैसले लिए—‎‎ पहला: वह अब पीछे नहीं देखेगा।‎ दूसरा: वह खुद को और अपनी skills को grow करेगा।‎ तीसरा: वह कभी भी किसी के प्यार में इतना नहीं गिरेगा कि