चाहत -ए- तपिश - 1

  • 342
  • 132

चाहत की खुशियों का संसार तब बिखर गया जब उसकी शादी के दिन ही वह विधवा हो गई। चाहत चाहकर भी इस कड़वी सच्चाई को नकार नहीं पा रही थी। लेकिन उसकी जिंदगी तब और उलझ जाती है जब उसे पता चलता है कि उसकी शादी उसी शख्स से हो गई है, जिसने उसके पति को मौत के घाट उतार दिया था। तपिश रंधावा, जिसके नाम से दुश्मन थर्राते हैं, जो अपने शिकार को ऐसी तड़प देता है कि वे खुद मौत की भीख मांगने लगते हैं।       पर आख़िर ऐसा क्या हुआ कि तपिश ने उस मासूम चाहत