शहेर लगभग पाँच किलोमीटर दूर एक पुराना, जर्जर मकान था।लोग उसे “हॉरर हाउस” कहते थे।कोई नहीं जानता था कि उसका असली नाम क्या था, क्योंकि जिसने भी उस घर के बारे में ज्यादा जानने की कोशिश की… वह कभी वापस नहीं लौटा।रवि, अमन और नील तीनों बचपन के दोस्त थे।तीनों को डरावनी कहानियों पर विश्वास नहीं था।एक रात रवि ने कहा,“यार, आज उस हॉरर हाउस में चलते हैं। देखते हैं, असल में क्या है वहाँ।”अमन हँसते हुए बोला,“भूत-वूत कुछ नहीं होता, सब अफवाह है।”नील थोड़ा डरा हुआ था, पर दोस्तों के सामने कमजोर नहीं दिखना चाहता था।तीनों रात 11 बजे