नकल से कहीं क्रांति नहीं हुई - 4

1953 में ही लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों पर गोली चल गई थी उस समय चंद्रभान गुप्त मुख्यमंत्री, जुगुल किशोर शिक्षा मंत्री थे और राज्यपाल थे कन्हैयालाल मानिकलाल मुंशी। कॉलेज से निकल कर लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ रहे बाबूराम तिवारी को भी गोली लग गई। हम लोग कॉलेज पहुँचे तो बच्चों ने जुलूस निकाला और नारा लगाया ‘मुंशी गुप्ता जुगुल किशोर, यूपी के यह तीनों चोर’। जुलूस में ज्यादातर बड़े बच्चे ही शामिल हुए, शहर में घूमते हुए जुलूस का समापन हुआ। उस दिन अध्यापन नहीं हुआ, कक्षा नहीं चली। उस समय कॉलेज में कक्षाएँ नियमित चलती थीं। बरसात के मौसम