नकल से कहीं क्रांति नहीं हुई - 3

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जीतेशकान्त पाण्डेय- कक्षा पाँच उत्तीर्ण कर आपने मिडिल स्कूल में प्रवेश लिया। मिडिल स्कूल का अनुभव कैसा रहा? डॉ0 सूर्यपाल सिंह- 1949 में मैंने कक्षा 5 उत्तीर्ण किया। देश आज़ाद हो चुका था। लोग नए उत्साह से काम कर रहे थे। गोण्डा के जूनियर हाईस्कूल में कक्षा 6 में प्रवेश लिया। मेरे पिताजी और चचेरे भाई रणछोर सिंह जी मिडिल पास कर चुके थे। मिडिल पास करने पर प्रायः नौकरी मिल जाया करती थी। प्राइमरी स्कूल के अध्यापक, पटवारी (लेखपाल) की नौकरी प्रायः मिडिल पास लोगों को मिल जाती थी। पुलिस भर्ती में तो अनपढ़ भी ले लिए जाते और उन्हें