*#dhurandhar !??*अगर किसी फ़िल्म को देखकर आपके भीतर यह एहसास जगे कि आप अभी अभी किसी पराये, शातिर और विषैले मुल्क की गलियों से होकर लौटे हैं…. कि आपके जूते तक उस गली के कीचड़ से सने हुए महसूस हों…. और आपका मन यह सोच कर भारी हो जाए कि इसी कीचड़ में बैठकर भारत के विरुद्ध कितनी साज़िशें पकाई जाती होंगी…. तो समझिए फ़िल्म निर्देशक ने अपना लक्ष्य भेद दिया है.#धुरंधर ऐसी ही एक फ़िल्म है…. कराची के कुख्यात “ल्यारी टाउन” को पर्दे पर उतारना अपने आप में किसी युद्ध सरीखे साहस की माँग करता है…. यह इलाक़ा पाकिस्तान