Part 5 —रोहन अब पहले जैसा नहीं रहा था।जिस लड़के की आँखों में कभी चमक थी… अब उनमें थकान दिखती थी।जिसकी हंसी बिंदास थी… अब उस हंसी में दर्द छुपा होता था।सिमी के बिना उसकी दुनिया बिखर चुकी थी,लेकिन बाहर से वो ख़ुद को मज़बूत दिखा रहा था।क्योंकि अब रोना—उसकी आदत बन चुका था। ऑफिस में नया दौरप्रमोशन के बाद जिम्मेदारियाँ बढ़ गई थीं।अब अक्सर देर रात तक काम करना पड़ता था।इन्हीं व्यस्त घंटों में एक चेहरा धीरे–धीरे उसके पास आने लगा —टीना।टीना बहुत अलग थी—खुलकर बोलने वाली, हंसने वाली, आत्मविश्वासी और लोगों को समझने वाली।उसने पहली ही हफ़्ते