चारों तरफ डरावनी ख़ामोशी फैली हुई थी…मानो पूरी दुनिया अचानक साँस रोककर सो गई हो।लेकिन इस सोई हुई दुनिया में एक लड़का अब भी जाग रहा था — **आरव**।आरव समझ नहीं पा रहा था कि एक ही रात में ऐसा क्या हुआ कि पूरा शहर खाली पड़ा है।न इंसान… न गाड़ियों की आवाज़…सब कुछ ऐसा लग रहा था जैसे यह दुनिया कभी थी ही नहीं।सन्नाटा इतना गहरा था कि अपने कदमों की आवाज़ भी उसे डरा रही थी।पर रुके तो वो पहले ही बहुत है…इसलिए वह अपने डर को घूँट की तरह पीते हुए आगे बढ़ता गया।---## **प्रयोगशाला की ओर