अन्या और अरव की बारिश वाली शाम

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अन्या स्कूल से घर लौट रही थी। आसमान में अचानक घने काले बादल छा गए और हवा में ठंडक का अहसास होने लगा। उसने अपनी जैकेट का कॉलर ऊपर किया और जल्दी-जल्दी सड़क पार की। तभी तेज़ बारिश शुरू हो गई। अन्या के पास छाता नहीं था और वह भीगती जा रही थी।उसी समय, अरव अपने दोस्तों के साथ पास से गुजर रहा था। उसने अन्या को भीगते देखा और तुरंत अपनी जैकेट उतारकर उसके ऊपर डाल दी। अन्या ने चौंककर उसकी ओर देखा। “धन्यवाद…” उसने धीरे से कहा। अरव मुस्कुराया और बोला, “कोई बात नहीं, बारिश में भीगना अच्छा