चुड़ैल का साया

पुराने काजरपुर गांव में सांझ ढलते ही घरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते थे। हवा में इतनी खामोशी होती थी कि किसी के कदमों की आहट तक सुनाई दे जाती।लोग कहते थे कि जंगल वाले पुराने कुएं के पास एक औरत की परछाई घूमती है, जिसके बाल जमीन पर घसीटते हुए चलते हैं और जिसकी आंखें लाल अंगारों की तरह जलती हैं। उस पर कोई भरोसा नहीं करता था, जब तक कि वह डरावनी रात नहीं आई जब पहली बार किसी ने उसे सच में देखा।गांव का जवान लड़का माधव अपने बैलों को ढूंढने निकला था। देर हो चुकी