पुराना नगर हाई स्कूल बरसों से वीरान पड़ा था. गर्मियों की एक रात कुछ लड़के बाहर वाले मैदान में खेलते दिखे. उन्होंने इमारत को देखा तो लगा जैसे टूटी खिड़कियों के पीछे कोई खड़ा है. हवा रुकी हुई लग रही थी और सन्नाटा ऐसा था कि पत्ते गिरने की आवाज तक साफ सुनाई देती. लड़कों ने कहा कि स्कूल से आती हल्की सी खड़खड़ाहट अब पहले से ज्यादा तेज हो रही है. उन्हें लगा कि इमारत किसी सोए हुए जानवर की तरह सांस ले रही हो.इस स्कूल की इमारत ऊंची थी, लकड़ी की खिड़कियां सड़ चुकी थीं और दीवारों के