अनकही मोहब्बत - 2

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‎‎Part 2 — ‎‎अगली सुबह सूरज अपनी रोशनी लेकर फिर आसमान में उभर आया था, पर आज ना हवा में वो ताजगी थी और ना ही रोहन के चेहरे पर वो चमक। वो अपने मन में एक खालीपन लिए बाइक पर बैठा, जैसे उसके दिन का सबसे खूबसूरत हिस्सा उससे छिन गया हो।‎‎आज वह रास्ते में उस घर के पास पहुँचा तो उसने ऊपर देखने की हिम्मत नहीं की। वो डर रहा था—‎"क्या पता आज भी वह ना दिखाई दे?"‎‎पर दिल तो दिल होता है…‎चाहे जितना समझाओ, उम्मीद में फिर भी जान बाकी रहती है।‎‎एक पल उसने नज़र उठाई—‎‎और…‎‎इस बार सिमी