तभी किरण उठ खड़ी होती है और बोलती है कि;किरण - मुझे एक बात नही समझ आ रही है कि सिमरन दीदी ने ऐसा क्यों कहा कि मैने खुद की बहन की जान लेने की कोशिश करी? किरण इतनी भी भोली नही थी कि उसे यह सब कुछ समझ नही आए, तो उसे समझते देर नही लगती है कि सिमरन को पक्का कोई तो गलतफहमी है, जिसकी वजह से वो, उसे और भी नफरत करने लगी है। तभी राजीव जी बोलते है कि;राजीव जी - क्या हुआ बेटा, क्या बोल रही हो यह? और किसने,किसको मारने की कोशिश करी? मुझे