छाया का प्यार - 1

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छाया का प्यार  पहाड़ों की खामोशी में छिपी हलचलअनन्या हमेशा से शहर की भागदौड़ से दूर रहना चाहती थी। उसे पहाड़ों की शांति, हवा की ठंडक और प्रकृति का संगीत पसंद था। जब दादाजी की पुरानी हवेली उसे विरासत में मिली, तो गांव वालों ने उसे रोकने की बहुत कोशिश की।“बिटिया, वहां मत जाओ। रात को अजीब आवाज़ें आती हैं… छायाएं नाचती हैं…”लेकिन अनन्या ने हंसते हुए टाल दिया –“काका, हवेली है, कोई भूत बंगला थोड़े है!”लेकिन उसे क्या पता था… हवेली सिर्फ हवेली नहीं थी।उसकी दीवारों में किसी का अधूरा प्यार,किसी का दर्द,और किसी की अटकी हुई आत्मा बसती