यह एक ऐसी पौराणिक कथा है । यकीनन अपने अभी तक कही और कभी नहीं सुनी होगी । प्रारम्भ लगभग नौ हजार वर्ष पूर्व, जब पृथ्वी के ऊपर देवताओं का आशीर्वाद गहराई से बसता था, तब राजाओं के पास सिर्फ तलवारों की ताकत नहीं, बल्कि दैवी शक्तियाँ भी होती थीं। उस समय का हर राज्य मानो किसी पौराणिक गाथा का हिस्सा था। पृथ्वी के उत्तरी भाग में फैला हुआ था नवंतरताल — झीलों, मंदिरों और पर्वतों से घिरा हुआ राज्य। यहाँ के राजा थे महाराज शौर्य तेज, जिनका नाम ही उनके व्यक्तित्व की तरह दमकता था। ऊँचा कद, शांत