अध्याय 1 – यात्री, अज्ञातमुंबई की रातें— जो कभी हज़ारों सपनों की धड़कन हुआ करती थीं, वे अब अविन अविनाशी चौहान के लिए किसी रोमांच से नहीं, बल्कि एक खामोश मजबूरी से भरी थीं। यह नवंबर की उमस भरी रात थी; मरीन ड्राइव के दूर की रोशनी, अँधेरी गलियों में बारिश के पानी से भीगी काली डामर सड़क पर फिसल रही थी।अविन की टैक्सी, उसकी पुरानी, वफ़ादार काली Padmini Premier 'Padmini', एक कोने में दबी खड़ी थी। इसका नाम 'काली' था, और यह इसकी पहचान थी— पुरानी, भरोसेमंद, पर भीतर से खोखली। अविन स्टीयरिंग पर हाथ रखे बैठा था, उसकी