मोहब्बत के वो दिन - 3

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कॉलेज का दिन हमेशा जैसा नहीं था। आज हल्की धूप थी, हवा में नमी कम और कैंपस में एक अलग-सी हलचल। Bikash जल्दी उठा, जल्दी तैयार हुआ और घर से निकलते समय कुछ अलग आत्मविश्वास महसूस कर रहा था।शायद वजह वही थी — Maina।रात तक उसके चेहरे और उसकी हँसी याद आते रहे।डायरी के सारे पन्ने उसका नाम बोलते रहे।Bikash को अब हर सुबह किसी उम्मीद से शुरू होती थी — आज वो मिलेगी।कैंपस में नई रौशनीकॉलेज पहुँचा तो देखा, Maina फव्वारे के पास बैठी हुई कुछ लिख रही थी।उसके बाल हवा में उड़ रहे थे, पैर हल्के-हल्के जमीन पर