"AI का नाम होगा और इंसान बदनाम होगा"कभी यह वाक्य एक मज़ाक जैसा लगता था, लेकिन आज की दुनिया में यह किसी धीमी हो रही सच्चाई के साथ-साथ, आने वाले समय की एक तीखी चेतावनी भी है। इंसान ने जो मशीनें अपने काम हल्के करने के लिए बनाईं थीं, वही आज उसके नाम को हल्का, उसके वजूद को धुंधला और उसके विवेक को कमजोर कर रही हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियों के बोर्डरूम में, तकनीकी सम्मेलनों के मंचों पर, और यहां तक कि चाय की दुकानों पर होने वाली चर्चाओं में भी अब इंसान कम और ‘AI क्या कर देगा’, ‘AI कैसे